Wednesday, December 31, 2008

"नव वर्ष की शुभकामनायें "


समक्रमिकता से समस्वरता ...
होती
विस्तृत चेतनता ;
पुष्पित कुसुमित होता अवचेतन
धूम्राच्छादित
परिवेश से परे
अलमस्त
कुछ सागर की तरह ;

स्तनित नर्तन , अतिवर्तन
' जीवंतता ,
स्वर
नियंता का
चरैवेति
....चरैवेति !

है
लक्ष्य से भी महत्वपूर्ण
गंतव्य
-
यात्रा
की निरंतरता !
चलती
रहे यात्रा !!

सद्य
: स्नात नवप्रभात ज्योतिर्मय हो !!

7 comments:

Unknown said...

नया साल आए बन के उजाला
खुल जाए आपकी किस्मत का ताला|
चाँद तारे भी आप पर ही रौशनी डाले
हमेशा आप पे रहे मेहरबान उपरवाला ||

नूतन वर्ष मंगलमय हो |

नीरज गोस्वामी said...

बहुत खूब भाई....शानदार रचना...वाह...
नव वर्ष की शुभ कामनाएं
नीरज

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

हे प्रभु यह तेरापथ के परिवार कि ओर से नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये।


कल जहॉ थे वहॉ से कुछ आगे बढे,
अतीत को ही नही भविष्य को भी पढे,
गढा हैहमारे धर्म गुरुओ ने सुनहरा इतिहास ,
आओ हम उससे आगे का इतिहास गढे।

seema gupta said...

सुंदर पंक्तियों के लिए आभार नया साल नई आशाये नई उमंगें लेकर आपको और प्रसिद्दि ,प्रतिष्टा प्रदान करे .
Regards

प्रकाश गोविंद said...

नया वर्ष जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम !

Paise Ka Gyan said...

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Paise Ka Gyan said...

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