Sunday, September 20, 2009

यार यह तो हद्द है....!!

बचपन से कुछ आलतू फालतू मैगजींस आदि में हम चित्र पहेलियाँ मज़े मज़े से सुलझाया करते थे ...कहीं कुछ अंकों को जोड़ कर खाली स्थान भरना या आँखों आदि को देखकर किसी फिल्म स्टार को पहचानना वगैरह ! खूब बेवकूफ बना करते थे ! बच्चे थे ....चलता था !

लेकिन कहते हैं न ...न तो बेवकूफ बनने वालों की को कमी है और न ही बनाने वालों की ! इधर कुछ पिछले दिनों से अलग अलग चैनलों पर जनता को बेवकूफ बनाने के कई नुस्खे अजमाये जा रहे हैं....कभी रिअल्टी शो दिखा दिखा कर तो कभी यूँ ही किसी भी खबर पर जनता की राय मांग कर ! क्या चीन भारत की सीमा में घुसपैठ करके भारत को अपना दम-ख़म दिखाना चाहता है ...यदि आपका जवाब हाँ है तो ए ..अगर ना है तो बी और अगर आप इस बारे में कोई राय नहीं रखते तो सी टाईप कर के हमें इस नंबर पर एस एम् एस भेजे .....! इसी सिलसिले के चलते कहीं कहीं वही बच्चों वाला खेल भी शुरू हो गया है ".....क्या आप इस चेहरे को पहचानते हैं ? जी हाँ ध्यान से देखिये और जीतिए एक लाख रुपैये ....और फिर स्क्रीन पर किसी बहुत ही जाने माने फिल्म स्टार का चेहरा उभर आता है....शाहरुख़ खान के चेहरे से अब हम भारतीय तो क्या अमेरिकन भी परिचित हो चुके हैं....( भई उनके एअर पोर्ट पर दो घंटे तक जिस स्टार को 'इंटेंसिव ' जांच पड़ताल के लिए रोका गया था , उसे तो पहचान ही लेंगे वो लोग ) तो कभी शारुख कभी आमिर और कभी करीना कपूर का चेहरा दिखा कर ये लोग जनता को बेवकूफ बना अपनी दूकान खूब चला रहे हैं.....( यहाँ इनके बेवकूफ बनाने के तरीके बताने की शायद ज़रुरत नहीं है है.....फ़ोन-इन के ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए की आपकी एक काल बारह रुपैये पर मिनट की पड़ती है....कर लो फोन ....कनेक्शन मिलने के बाद यह आपको कम से कम दस मिनट तक उलझा कर फिर फ़ोन काट देंगे ...हिम्मत है तो दुबारा कीजिये )

देखा जाए तो ये सरासर लूटमार है...लेकिन चल रही है तो चल रही है ! ( ताज्जुब तो उन लोगों पर होता है जो इन झांसों में आ जाते हैं ...लेकिन गालिब ने कहा है ना एक ढूँढो हज़ार मिलते हैं...)

लेकिन हद्द तो आज हुई .....
आज एक चैनल एन डी टी वी इमाजिन पर चल रहे इसी तरह के एक कार्यक्रम में किसी फिल्म स्टार के चेहरे की बजाये .....कुछ और ही दिखाया गया और लोगों से जवाब माँगा गया ! जी हाँ ...आज किसी करिश्मा या शिल्पा का चेहरा नहीं था , बल्की किसी हीरोइन का वक्षस्थल दिखा कर यह पूछा जा रहा था कि बताइये यह कौन है ....!
यार ये तो हद्द ही हो गयी ...लूटमार तो चल ही रही थी अब फूहड़ता भी चालु हो गयी ! मज़े कि बात है कि लोग भी चटखारे ले लेकर जवाब दे रहे थे ....
"जी हां आपका नाम ?
मनोज ...पंजाबी बाग़ दिल्ली से
अच्छा मनोज जी बताइये यह कौन सी मशहूर फिल्म हीरोइन है...
जी यह मल्लिका शेरावत है ...
जी नहीं आपका जवाब गलत है ...यह मल्लिका शेरावत नहीं है."

....और पूछने वाली उदघोषक स्वयं की मुस्कान रोक नहीं पाई ...!

क्या ये सरासर वाहयाती नहीं है ? चेहरा, आँखे , होंठ के बाद अब पहचान का मापदंड वक्षस्थल भी बन गया है... ! छोडिये किसी कलाकार की कला को...उसकी छातियों का ध्यान रखिये ...ये आपको लाखों रुपये का इनाम दिलवा सकती हैं !

मैं समझता हूँ कि फूहड़ता , अश्लीलता के आलावा ये नारी के समूचे अस्तित्व का अपमान भी है ! कम से कम मेरी संवेदना तो इससे आहत ही हुई है !
पर क्या कोई इस ओर ध्यान देगा ?

अब चल रहा है तो चलने दे न यार ...की फरक पैंदा ए ?
जाने भी दे...और भी ग़म है ज़माने में !

लेकिन इस आड़ में कब तक हम अपना सर छुपाये रहेंगे ? क्या कोई नहीं है जो आगे आकर कुछ कर सके ? किसी को तो यह सिरा उठाना ही होगा ....!

आपके सुझाव आमंत्रित हैं !

3 comments:

संगीता पुरी said...

किसी महिला आयोग का ध्‍यान इस बात पर क्‍यूं नहीं जाता ?

वाणी गीत said...

हद है ...ऐसे कार्यक्रम देखकर फ़ोन करने वालों की भी ..तभी तो चैनल वाले कहते हैं..हम वही दिखाते हैं जो लोग देखना चाहते हैं

addysingh said...

Iske liye mahilaon ko age aana hoga !

चिट्ठाजगत
blograma
 
Site Meter