Saturday, February 6, 2010

राजनीति ? न...न ...विशुद्ध गुंडागर्दी ....!

"मन्नत ( शाहरुख़ खान का घर ) मुंबई में है पाकिस्तान में नहीं ....उसे ज़रा मुंबई तो आने दो ...देख लेंगे " यह धमकी भरी गुर्राहट है शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता संजय राउत की ! शिव सेना जो सदा से ही स्वयं को महाराष्ट्र और मराठी माणूस की रहनुमा मानते हुए , महाराष्ट्र की सबसे बड़ी राजनैतिक शक्ति होने का दावा भी ठोकता आई है ! उसके देखे , देश की बाकी सभी राजनैतिक पार्टियाँ तो बस छुटभैयों के जेब की चिल्लड़ है ! लेकिन अगर शिव सेना का इतिहास देखा जाये तो उसकी डिक्शनरी में राजनीती का एक छोटा सा अर्थ है 'गुंडा गर्दी ' ! यह सही है कि यदा कदा , किन्ही जाने अनजाने कारणों से इस पार्टी को वोट नसीब हो जाते हैं ....जिसके चलते कभी कभार इसे सत्ता के आचार का स्वाद भी चखने को मिल जाता है मगर इसके काम काज व्यवहार आदि पर अगर एक नज़र दौड़ाई जाए तो सिवाय गुंडा गर्दी , अराजकता और तानाशाही के आलावा कुछ नज़र नहीं आता ! मुद्दा कोई भी हो ...एक बार बस मातोश्री में आराम फरमाते साहब जी की आँख में चुभ गया तो बस चुभ गया , फिर उससे आगे न तो किसी की सोच चलती है और न ही किसी की बिसात ! कभी भाषा पर तो कभी प्रांतीयता पर ....कभी धर्म पर तो कभी राजनीति पर ...कहीं न कहीं अडंगा लेना साहब जी का और साहब जी की पिछलग्गू पार्टी का जन्मसिद्ध अधिकार है ! वैसे वो बात दूसरी है कि साहब जी खुद अपने आप में विरोधाभास का पिटारा हैं ! कभी जिस बात का खुद ही समर्थन करते हैं, उसी की घनघोर निंदा करते हुए तनिक भी संकोच नहीं करते ! लेकिन अपने गिरेबान में झाँकने की आदत और रवायत से साहब कोसों दूर हैं ! अरे साहब ...बॉस हैं जो चाहेंगे सो करेंगे ....! बस आप लोग आँखें मूंदे इनके पीछे चलते चलो !

याद आता है वो वाकया जब साहब जी अपने घर पर माइकल जेक्सन को मुतवा कर कितने धन्य हुए थे ...कितने ही अरसे तक क्या साहब जी और क्या साहब जी के बेटा- भतीजा इसी बात पर इतराते फिरते रहे थे कि पॉप संगीत की दुनिया के बेताज बादशाह ने न सिर्फ इनकी मेजबानी स्वीकार की बल्कि इनके घर का टायलेट इस्तेमाल करके इन पर एक बड़ा अहसान भी अता फ़रमाया ! माइकल जैक्सन का महिमा मंडन करते इस सारे परिवार का मुंह न थकता था...लेकिन जब सवाल आया वैलेंटाइन डे का तो पूरा खानदान उतर आया देश की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा करने ! तब वही विदेशी संगीत और सारी विदेशी सभ्यता इस सारे परिवार के लिए कनकटा हौवा हो गए ...न मालूम क्या कुंठाएं हैं !


अब यह मुंबई के रखवाले और भारतमाता के सच्चे सपूत शाहरुख़ खान से माफ़ी की मांग कर रहे हैं.....क्यों ? क्योकि उसने अभी हाल ही में कहीं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़िओं के पक्ष में कुछ ऐसे ही आम सी बात कह दी थी जिसका देखा जाए तो कुछ ख़ास महत्त्व ही नहीं बनता ! लेकिन बस खाली बैठे साहब जी को तो कोई मुद्दा मिलना चाहिए. पड़ गए शाहरुख़ के पीछे ! शाहरुख़ इस बात की माफी मांगे कि आखिर उसने पाकिस्तान के खिलाडियों के बारे में बात की तो आखिर कैसे कर दी ....एक दुश्मन देश के खिलाडियों का ज़िक्र भी हमारी जुबां पर नहीं आना चाहिए ...हाँ अलबत्ता अगर उन्हें अपने घर बुला कर उनकी मेहमा नवाजी करनी हो तो अलग बात है - क्यों ...है ना ? शाहरुख़ खान को धमकियां देने वाले , उसे देशद्रोही बताने वाले ...उसकी आने वाली फिल्म के पोस्टर फाड़कर हो-हल्ला मचाने वाले साहब जी के गुर्गो को शायद अपने आका की यह बात याद नहीं आ रही ! पाकिस्तान क्रिकेट के भूतपूर्व कप्तान जावेद मियां दाद को अपने घर बुला कर उसकी खातिरदारी करना , फिर एक एक करके उसके साथ अपनी तसवीरें खिचवाना ....ऐसा कुछ भी किसी शिवसैनिक को याद नहीं आ रहा ! बस शाहरुख़ को दे धमकी पे धमकी ....

हुज़ूर ज़रा अपने दामन में भी झाँक कर देखने की हुज्ज़त करें ...! अगर पाकिस्तानी खिलाडी ही असल मुद्दा हैं और वाकई शाहरुख़ को इसी मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिये तो साहब .....फिर आप को तो ज़मीन पर अपना नाक रगड़ कर लकीरें भी निकालनी पड़ेंगी ! क्यों ...नहीं क्या ? वैसे एक बार हो ही जाए ......हालाँकि ऐसा करने से आप लोगों के पाप तो नहीं धुलेंगे पर फिर भी ...जनता को अच्छा अच्छा तो ज़रूर लगेगा !

इन लोगों को शायद इस बात का अंदाज़ा अभी तक हो ही नहीं पाया की जिस मुंबई की ठेकेदारी की यह बाते करते हैं...जिसका रक्षक होने का पट्टा यह भगवान् से लिखवा कर लायें हैं , वही मुंबई और वहां का मुम्बईकर इनसे त्रस्त और विक्षुब्ध हो चुका है ! अब तो सुना है कि स्वयं साहब जी की अपनी बहु ....जो कुछ अरसा पहले तक साहब जी की ख़ास कमांडर मानी जाती रही थी अब इनसे पीछा छुड़ा कर किसी और पार्टी का दरवाजा खटखटा रही है ! यार और कुछ नहीं तो आप लोग मुंबई को भगवान् के लिए ही छोड़ दो ! अपनी गुंडागर्दी को राजनीती और धर्म और भाषा के लबादों में लपेट कर नचवाना बंद करो...वर्ना आज जो हिन्दोस्तान तुमसे अपनी सीमाओं को पहचान कर उनमे रहने की गुज़ारिश कर रहा है ...कल अगर उग्र हो गया तो इस गुंडागर्दी के बम्बू और तम्बू को उखाड़ते देर नहीं लगेगी !

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